Sunday 16 January 2011

थोड़ी-घणी:घोड़ा मरग्या,गधा को राज आयो

देश का प्रमुख हिन्दी दैनिक और मालवा का शब्द-प्रहरी नईदुनिया मालवी की बड़ी नेक ख़िदमत कर रहा है.
प्रत्येक सोमवार को थोड़ी घणी शीर्षक के स्तंभ में मालवी-निमाड़ी रचनाओं का प्रकाशन नियमित रूप से होता है.थोड़ी-घणी के ज़रिये कई नये लिखने वालों को अपनी बात कहने का मंच मिला है और ख़ासकर मालवी-निमाड़ी ग़ज़ल को मुकम्मिल स्थान मिलना शुरू हो गया है. कोशिश रहेगी कि हर हफ़्ते आपको थोड़ी-घणी की लिंक दे दिया करूं जिससे मालवी जाजम के पाठक थोड़ी-घणी का रसास्वादन भी कर सकें....आप सभी को नये साल और मकर संक्रांति की राम राम.

आइये बाँच लेते हैं 10 जनवरी की थोड़ी-घणी(नईदुनिया)